Harela Festival in Uttrakhand 2022 : श्रावण महीने में शिव पूजा का विशेष महत्व है ।हरेला पर्व के साथ पवित्र सावन मास की शुरुआत हो रही है ।आज उत्तराखंड मे यह पर्व उल्लास से मनाया जाता है ।Harela Festival 2022 एक प्रकृति से जुड़ा पर्व है ।चातुर्मास मे हर तरफ हरियाली व वर्षा पर्वतीय क्षेत्रों की फसल के लिये उपयोगी होने से किसान हरेला को बहुत महत्व देते हैं ।
आज जागेश्वर धाम मंदिर परिसर में पौधारोपण करते हुए हरेला पर्व मनाया। इसके उपरांत मैंने वहां उपस्थित विद्यार्थियों के साथ हरेला पर्व पर संवाद करते हुए उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। pic.twitter.com/d3cCrTlut7
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 16, 2022
इस समय धान, मंडूआ,भट्ट व मक्का की फसल तेजी से बढ्ने लगती है ।घर के आस पास क्यारीयो में शिमला मिर्च, बैगन,तोरई,ककडी की बहार रहती है।फल पट्टी क्षेत्र में सेब,नाशपाती के पेड़ भी लदे होते हैं ।
आज हरेला के शुभ अवसर पर अल्मोड़ा स्थित प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर मैंने बाबा भोलेनाथ से समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि एवं कल्याण की कामना की। pic.twitter.com/OUYLeQSrCa
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 16, 2022
आज सीएम धामी ने हरेला फेस्टिवल के शुभ अवसर पर राज्य में अलगअलग प्रोग्राम में भाग लिया।
इस पर सीएमधामी ने ट्वीट कर ते हुए कहा “आज हरेला के शुभ अवसर पर अल्मोड़ा स्थित प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर मैंने बाबा भोलेनाथ से समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि एवं कल्याण की कामना की।”
Harela Festival in Uttrakhand 2022 : हरेला काटने का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजे से 11:30 AM तक
इस पर्व के 9 दिन पहले घर के मन्दिर में 7 प्रकार के अन्न जिसमेँ गेंहू,मक्का,गहत,सरसों व उड़द आदि के बीज रोपे जाते हैं फिर 10 दिन बाद इन्हे काटकर घर का मुखिया इनकी पूजा कर भगवान को चढाते हैं ।फिर सभी सदस्य इसे कान के पीछे रखते हैं व हरेला गीत गाने की भी परंपरा भी है ।यह त्योहार परिवार की एकता बनाये रखने व प्राकृतिक संरक्षण का भी संदेश देता है ।